Vehicle Scrap Policy: जैसा कि हम सब जानते हैं वर्ष 2021 में सरकार द्वारा 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप घोषित करने का निर्णय लिया गया था । अर्थात वाहन कबाड़ नीति के अंतर्गत सरकारी अध्यादेश पारित किया गया था जिसमें यह तय किया गया था कि वह सभी वाहन जो 15 साल से पुराने हैं उन्हें स्क्रैप अर्थात कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा और उनको हटाकर भारतीय सड़कों पर नए और अत्याधुनिक वाहन लाये जाएंगे जिससे कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कंट्रोल लग सकेगा और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाइ जा सकेगी।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल 2023 से वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस की जांच शुरू की गई और धीरे-धीरे सभी वाणिज्यिक वाहनों और निजी वाहनों की जांच को 1 जून 2024 से शुरू किया गया । ऐसे में सभी वाहन मालिक जिनके वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने थे उन्हें स्क्रैप में डालने का निर्णय पारित किया गया। हालांकि वाहन मालिकों द्वारा लगातार विरोध जताया जा रहा था कि यदि उनके वाहन पूरी तरह से मेंटेन किया जा रहे हैं और वाहन फिटनेस टेस्ट में सफल हो रहा है तो ऐसे वाहनों को स्क्रैप में नहीं डालना चाहिए।
Vehicle Scrap Policy: सरकार की नई नीति
जैसा कि हमने आपको बताया केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग विभाग द्वारा वाहनों के बढ़ते प्रदूषणों को देखते हुए 15 साल से पुराने वाहनों को स्क्रैप में डालने का निर्णय लिया गया था अर्थात ऐसे वाहनों को कबाड़ घोषित करने का आदेश पारित किया गया था । परंतु वे सभी वाहन जिनका रखरखाव ठीक से किया गया है तो ऐसे में ऐसे वाहनों को कबाड़ में क्यों डाला जाए ? इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन है राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में वाहनों को स्क्रैप में डालने के मानकों को बदल दिया है और अब वह सभी वाहन जो प्रदूषण के नियमो के सापेक्ष होंगे अर्थात वे सभी वाहन जो 15 साल के बजाय bs1 या bs2 से पहले के होंगे उन सभी को स्क्रैप घोषित किया जाएगा।
प्रदूषण और वाहन की स्थिति के आधार पर तय की जाएगी स्क्रैप पॉलिसी
इस पूरे मामले में वाहनों की अवस्था को सारे मानकों के आधार पर जांचा जाएगा और निर्धारित किया जाएगा कि वाहन स्क्रैप में डाले जाएंगे अथवा नहीं । पाठकों की जानकारी के लिए बता दें सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहनों को स्क्रैप में डालने के लिए अब वाहन की उम्र को नहीं बल्कि प्रदूषण नीति स्तर को आखिरी मानक निर्धारित किया है। ऐसे में प्रत्येक वाहन को प्रदूषण प्रमाण पत्र दिया जाएगा । ऐसे में प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने की प्रणाली को विश्वसनीय प्रणाली बनाया जाएगा ताकि यह निर्धारित किया जा सके की 15 साल पुराने वाहन प्रदूषण की मात्रा बढ़ा ना रहे हो । वही वाणिज्यिक वाहन को फिटनेस टेस्ट से भी गुजरना होगा जिसके अंतर्गत यह निर्धारित किया जाएगा की 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन स्क्रैप करना है अथवा नहीं।
क्यों जरूरी है वाहनों का फिटनेस टेस्ट
- वाहनों का फिटनेस टेस्ट अर्थात स्क्रैप नीति का मुख्य उद्देश्य वाहनों द्वारा किए जाने वाले प्रदूषण को कम करना है ताकि हवा की गुणवत्ता बेहतर की जा सके ।
- वही पुराने वाहनों में सेफ्टी फीचर्स की कमी की वजह से आए दिन होने वाले दुर्घटनाओं पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
- इसके अलावा देश में बढ़ती हुई वाहनों की मांग को देखते हुए नए वाहन मार्केट में आ चुके हैं वहीं पुराने वाहनों के होने की वजह से प्रदूषण भी बढ़ रहा है और नए वाहन मार्केट को कोई स्कोप भी नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से पुराने वाहनों का स्क्रैप करना आवश्यक कर दिया गया है।
- इसके अलावा नए वाहनों में पूरे सेफ्टी फीचर्स उपलब्ध है और नए वाहन तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित मानको को ध्यान में रखकर बनाये जा रहे हैं।
Vehicle Scrap Policy का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- Vehicle Scrap Policy का मुख्य उद्देश्य देश भर में वाहनों के फिटनेस टेस्ट करना है ताकि 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन जो कि अब पूरी तरह से अनफिट है और प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं उन सभी को कबाड़ घोषित किया जा सके।
- इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत वे वाहन जो अनफिट है और जिनमें सुरक्षा मानको ध्यान में नहीं रखा गया है उन्हें कबाड़ घोषित किया जा रहा है।
- जिससे यात्री, सड़क और वाहन सुरक्षा के मूल्यों को बढ़ाया जा सकेगा । वहीं ऑटोमोबाइल उद्योग को बेहतर दिशा भी मिल सकेगी ।
- इसके अलावा नए वाहन अब नए इंधनों में पर चल रहे हैं जिससे पेट्रोल/ डीज़ल पर चलने वाले वाहनों पर कमी आ सकेगी और प्रदूषण पर भी रोक लगा सकेगी ।
- देशभर में नए प्रकार के वाहन इलेक्ट्रॉनिक, आटोमोटिव या सीएनजी गैस से चलाए जा रहे हैं जो की तुलनात्मक रूप से कम प्रदूषण करते हैं और ईंधन की भी बचत करते हैं।
पुराने वाहन को स्क्रैप करने के बाद वाहन मालिकों को क्या फायदा मिलेगा
- वे सभी वाहन मालिक जिनके वाहन 15 साल के पुराने हो चुके हैं और अनफिट घोषित किए जाते हैं उन सभी को अपने वाहन को कबाड़ में डालना होगा।
- ऐसे में उन सभी के वाहन जो कबाड़ घोषित किये जा चुके हैं उन्हें सरकार द्वारा वाहन स्क्रैप करने के बाद नए वाहनों की कीमत पर 4 से 6% की छूट भी दी जा रही है ।
- वहीं वाहन खरीदने के लिए उन्हें पंजीकरण शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा अपना वाहन स्क्रैप के रूप में देने के पाश्चात नया वाहन खरीदने पर सरकार ऐसे वाहन मालिकों को टोल टैक्स में भी छूट देने वाली है ।
- इसके अलावा नए वाहन को खरीदते समय सरकार द्वारा भी वाहन मालिकों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी जो वाहन के प्रकार और वाहन मालिक की आर्थिक स्थिति के आधार पर तय की जाएगी।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर सरकार द्वारा निर्धारित की गई Vehicle Scrap Policy के अंतर्गत यह साफ कर दिया गया है कि अब केवल आयु के आधार पर वाहनों को कबाड़ नहीं घोषित किया जाएगा बल्कि उनका पूरा फिटनेस टेस्ट गठित किया जाएगा और प्रदूषण के आधार पर यह तय किया जाएगा कि वाहन कबाड़ में डालने लायक है अथवा वाहन का मेंटेनेंस बरकरार रखा गया है और वाहन प्रदूषण नहीं फैला रहे । कुल मिलाकर अब वाहनों के सुनिश्चित प्रदूषण जांच के पश्चात ही प्रमाण पत्र के आधार पर यह तय किया जाएगा कि वाहन स्क्रैप में डालने हैं अथवा उन्हें और चलाया जा सकता है।
-
Hello Friends I am writing since 2020. I have done MBA in Finance, and worked in one of the top Private Bank. Currently i am fully focusing on writing Finance related information. My aim is to provide correct and useful data to all of you. If You find any mistake or misinformation in my articles then you can contact me.
View all posts