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अब कक्षा 9 से लेकर 12 तक, सबके नंबर जोड़कर बनेगा 12वीं का फाइनल रिजल्ट


NCERT देश के शिक्षा विभाग द्वारा गठित की गई संस्था है जो सम्पूर्ण देश के शिक्षा स्तर का निर्धारण करता है। NCERT ने  कुछ समय पहले ही NCERT PARAKH नाम की कमेटी गठित की थी। परख नाम की इस कमेटी  के गठन का मुख्य उद्देश्य NCERT द्वारा स्कूलों में सर्वे करवाना था।

इस संपूर्ण सर्वेक्षण के दौरान NCERT PARAKH ने हाल ही में शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट के अंतर्गत परख कमेटी ने यह प्रस्ताव पेश किया है कि भारतीय शिक्षा विभाग के अंतर्गत कक्षा 12वीं के अंतिम रिपोर्ट कार्ड के लिए कक्षा 9वी, 10वीं, 11वीं के विद्यार्थियों के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।

NCERT PARAKH: कक्षा 12 में कक्षा 9 वीं 10 वीं और 11 वीं के अंक जोड़े जाएंगे

 NCERT द्वारा गठित इस PARAKH Commitee का प्रस्ताव है कि 12वीं के अंतिम रिपोर्ट कार्ड में छात्रों के कक्षा 9वी 10वीं और 11वीं के प्रदर्शन को भी जोड़ना चाहिए और कक्षा 9वी 10वीं और 11वीं में छात्रों द्वारा हासिल किए गए अंकों को भी वेटेज देनी चाहिए। हाल ही में NCERT द्वारा गठित परख कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय को एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सौंपी ।

NCERT PARAKH
NCERT PARAKH की रिपोर्ट – कक्षा 9 से लेकर 12 तक, सबके नंबर जोड़कर बनेगा 12वीं का फाइनल रिजल्ट

इस कमेटी ने इस संपूर्ण सर्वेक्षण के अंतर्गत 32 स्कूलों के साथ चर्चा और सिफारिश की जिसके अंतर्गत कमेटी इस नतीजे पर पहुंचे हैं की कक्षा 12वीं के परिणाम को गठित करने के लिए स्कूलों को छात्रों के कक्षा 9वी 10वीं और 11वीं के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखना चाहिए। 

वही इस पर NCERT PARAKH Committee ने हाल ही में संपूर्ण भारत के शिक्षा क्षेत्र पर भी सर्वेक्षण किया जिसके अंतर्गत इस कमेटी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ राज्य बोर्ड सहित भारत के कुल 69 स्कूल बोर्ड के बीच में समतुल्यता लाने के लिए एक रिपोर्ट भी शिक्षा मंत्रालय को पेश की।

सभी बोर्ड के स्कूल के प्रश्नों के स्तर में बिठाई जाए सामंजस्यता

परख कमेटी द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट के अंतर्गत कमेटी ने यह साफ किया है कि  देश के सभी शिक्षा बोर्ड को ऑन डिमांड परीक्षाओं के लिए अलग प्रश्न बैंक विकसित करने और प्रश्नों की कठिनाई स्तर को संतुलित करने के लिए एक ढांचा बनाने की जरूरत है ।

इसके अलावा NCERT PARAKH ने यह भी पाया कि देश के 32 स्कूल बोर्ड के अंतर्गत विभिन्न राज्य बोर्ड के प्रश्नों की कठिनाई के स्तर में बहुत ज्यादा अंतर है । ऐसे में यदि हमें संपूर्ण भारत में एक बेहतर शिक्षा व्यवस्था कायम करनी है तो यह जरूरी है कि प्रश्नों के कठिनाई स्तर को संतुलित बनाए जाए और वही प्रश्न पत्रों के मूल्यांकन के लिए डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।

इस प्रकार जुड़ेगा वेटेज

इसी के साथ ही  कक्षा 9वी, 10वीं और 11वीं के अंकों के वेटेज को 12वीं में जोड़ने के मुद्दे पर परख का कहना है कि 12वीं के कक्षा के अंतिम परिणाम के लिए निम्नलिखित पैटर्न में वेटेज़ वितरित किया जाना चाहिए

  •  कक्षा 9वी 15%
  • कक्षा दसवीं 20%
  • कक्षा ग्यारहवीं 25 %
  • कक्षा बारहवीं 40%

अर्थात कक्षा 9वी से 12वीं तक के लिए छात्रों के संपूर्ण परफॉर्मेंस के आधार पर ही 12वीं का परिणाम जारी किया जाना चाहिए।

देश के 5 सबसे बेहतर बोर्ड

NCERT द्वारा गठित की गई इस NCERT PARAKH द्वारा पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा बोर्ड पर सर्वे शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत परख कमेटी ने देश के पांच सर्वश्रेष्ठ स्कूल बोर्ड का भी मसौदा तैयार कर लिया है । NCERT PARAKH ने साफ किया है कि इस देश के पास सर्वश्रेष्ठ बोर्ड में से सबसे अव्वल पर CBSE आता है । उसके पश्चात पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद ,उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ,उड़ीसा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद और उसके बाद में हरियाणा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का नंबर आता है।

देश के 5 सबसे न्यूनतम स्तर के बोर्ड

 वहीं पांच सबसे निचले स्थान के बोर्ड का डेटा परख कमेटी ने इस प्रकार उपलब्ध करवाया है बोर्ड आफ पब्लिक एग्जामिनेशन केरल सबसे न्यूनतम स्थान पर परत कमेटी ने रखा है। इसके पश्चात उच्चतर माध्यमिक परीक्षा बोर्ड केरल का स्थान आता है।  वही छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ,उसके पश्चात मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ,उसके बाद असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद का नंबर आता है।

बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत

वहीं पर कमेटी ने हाल ही में देश के शिक्षा विभाग को बुनियादी ढांचे की रिपोर्ट भी सौंप है जिसमें स्कूल में बिजली, पानी, इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया है । Parakh कमेटी ने साफ किया है कि अपने सर्वे के अंतर्गत कई सारी स्कूल ऐसे पाए गए जहां बिजली ,पानी ,इंटरनेट जैसे बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में प्रत्येक स्कूल के लिए अनिवार्य है कि वह इन बुनियादी सुविधाओं को छात्रों के लिए उपलब्ध करवाए वहीं सुरक्षा के लिए नियमित ऑडिट करने पर भी ध्यान दें।

9वीं से 12वीं तक फॉर्मेंटिव और सम्मेटिव असेसमेंट के अनुसार वितरित हों अंक

वही परख कमेटी ने पेश की गई अपनी रिपोर्ट के अंतर्गत यह भी साफ किया है कि की कक्षा 9 वीं से लेकर कक्षा 12वीं तक के असेसमेंट के अंतर्गत स्कूलों को फॉर्मेटिव एसेसमेंट और सम्मेटिव एसेसमेंट के आधार पर अंक समायोजन शुरू करना होगा।  जिसके अंतर्गत छात्रों को फॉर्मेटिव एसेसमेंट अर्थात (हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड ग्रुप डिस्कशन प्रोजेक्ट) के आधार पर अंक उपलब्ध करवाए जाएंगे । वहीं समेत असेसमेंट जहां टर्म एग्जाम के आधार पर छात्रों की परीक्षा गठित की जाएगी ।

  • ऐसे में कक्षा 9 वी के लिए 70% फॉर्मेटिव एसेसमेंट और 30% सम्मिटिव असेसमेंट अंक लागू करने चाहिए।
  •  वही कक्षा 10वीं के लिए 50% फॉर्मेटिव एसेसमेंट और 50% सम्मिटिव असेसमेंट रखनी चाहिए।
  •  कक्षा 11 वीं के अंतर्गत 40% फॉर्मेटिव एसेसमेंट और 60% सम्मिटिव असेसमेंट के अंक जोड़े जाने चाहिए ।
  • वही कक्षा 12वीं में 30% फॉर्मेटिव एसेसमेंट और 70% सम्मिटिव असेसमेंट के अंक जोड़ने चाहिए।

निष्कर्ष: NCERT PARAKH Report

इस प्रकार NCERT  द्वारा बनाई गई इस परख कमेटी ने विभिन्न राज्यों के स्कूल पर सर्वे करने के बाद अपनी यह फाइनल रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को पेश कर दी है जिसके अंतर्गत कक्षा 9वी से लेकर 12वीं तक के परीक्षा ढांचे में सुधार के प्रस्ताव को पेश किया गया है ।

वहीं स्कूलों के बुनियादी ढांचों के प्रस्ताव को भी पेश किया गया है । इसके साथ ही परख कमेटी ने यह साफ कर दिया है कि कक्षा 12वीं के परिणाम में कक्षा 9वी 10वीं और 11वीं के नंबरों को भी जोड़ा जाना चाहिए ताकि छात्र कक्षा 9 वीं से लेकर कक्षा 12वीं के संपूर्ण पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझ सके और बेहतर शिक्षा स्तर हासिल कर सके।


  • Hari Krishnan



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